11th House in Kundli :- ज्योतिष में एकादश भाव का महत्वपूर्ण स्थान है। यह भाव हमारी इच्छाओं, आकांक्षाओं और सामाजिक स्थिति को दर्शाता है। एकादश भाव में स्थित ग्रह हमारे मित्रों, समाज में हमारे स्थान और लाभों के बारे में जानकारी देते हैं। यह भाव हमारी आर्थिक स्थिति, लाभ और हमारी सामाजिक पहचान को भी प्रभावित करता है।एकादश भाव में सूर्य का होना व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
सूर्य आत्मा, शक्ति और नेतृत्व का प्रतीक है। जब यह ग्रह इस भाव में होता है, तो यह व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। यह व्यक्ति की इच्छाओं को पूरा करने में सहायक होता है और समाज में उच्च स्थान दिलाने में मदद करता है।सूर्य की ऊर्जा इस भाव में बहुत शक्तिशाली होती है। यह व्यक्ति को आत्मविश्वास, प्रेरणा और साहस प्रदान करता है। इस स्थिति में व्यक्ति समाज में एक प्रमुख स्थान प्राप्त करता है और अपने कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल करता है।
एकादश भाव में सूर्य का होना व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। इस स्थिति में व्यक्ति समाज में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनता है। लोग उसे सम्मान और आदर देते हैं। यह व्यक्ति समाज में एक नेता के रूप में उभरता है और उसके विचारों का महत्व होता है।इस स्थिति में व्यक्ति के मित्र और सहयोगी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उसके मित्र उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करते हैं।
यह व्यक्ति एक अच्छे सामाजिक नेटवर्क का हिस्सा बनता है। उसके मित्र उसे सफलता की ओर ले जाते हैं और उसके हर कदम पर साथ देते हैं।एकादश भाव में सूर्य का होना व्यक्ति को अच्छे और विश्वसनीय मित्र प्रदान करता है। यह व्यक्ति अपने मित्रों से सच्ची मित्रता निभाता है और उनके साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है। इसके परिणामस्वरूप, यह व्यक्ति समाज में एक प्रतिष्ठित और सम्मानित स्थान प्राप्त करता है।
सामाजिक प्रतिष्ठा और मित्रों के सहयोग से यह व्यक्ति जीवन में उच्चतम स्थान प्राप्त करता है। उसकी पहचान समाज में एक प्रेरणास्रोत के रूप में होती है। इस स्थिति में व्यक्ति का आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर पाता है।एकादश भाव में सूर्य का होना व्यक्ति को आर्थिक लाभ प्रदान करता है। इस स्थिति में व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
यह व्यक्ति अपने कार्यों में उत्कृष्टता प्राप्त करता है और समाज में एक उच्च स्थान प्राप्त करता है।इस स्थिति में व्यक्ति को नए अवसर और लाभ मिलते हैं। वह अपने प्रयासों से आर्थिक सफलता प्राप्त करता है और अपने लक्ष्यों को पूरा करता है। यह व्यक्ति अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त करता है और अपने क्षेत्र में अग्रणी बनता है।एकादश भाव में सूर्य का प्रभाव व्यक्ति को धैर्य और मेहनत करने की प्रेरणा देता है।
यह व्यक्ति अपने कार्यों में निरंतर प्रयास करता है और अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर होता है। उसकी मेहनत और समर्पण उसे सफलता दिलाते हैं।आर्थिक सफलता और लाभ से यह व्यक्ति समाज में एक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करता है। उसकी पहचान एक सफल और समृद्ध व्यक्ति के रूप में होती है। यह स्थिति उसे आत्मविश्वास और संतोष प्रदान करती है, जिससे वह जीवन में और अधिक ऊंचाइयों को छूता है।
क्या फल है (11th House in Kundli )
- यदि लग्नकुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो तो ग्रंथकारों का मत है कि व्यक्ति रूपवान, निरोगी, ज्ञानी, विनीत, संगीत विद्या में रुचि रखने वाले, कीर्तिमान, यशस्वी, सत्कर्मी, प्रसिद्ध, वाहन युत और अनेक शत्रुओं से युक्त होते हैं तथा ऐसे व्यक्ति धन-धान्य से युत व प्रायः सरकारी नौकरी वाले या सरकार से सम्मान प्राप्त करने वाले एवं सेवक जनों से प्रेम रखने वाले होते हैं।ऐसे व्यक्तियों को प्रायः 25 वें वर्ष में वाहन सुख प्राप्त होता है।एकादश भाव में सूर्य का होना व्यक्ति को नेतृत्व के गुण प्रदान करता है।
- इस स्थिति में व्यक्ति समाज में एक नेता के रूप में उभरता है। उसके नेतृत्व में लोग उसे मानते हैं और उसका अनुसरण करते हैं। यह व्यक्ति अपने विचारों और कार्यों से समाज में परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है।इस स्थिति में व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। वह अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करता है और अपने निर्णयों पर दृढ़ रहता है। यह व्यक्ति अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है और अपने प्रयासों से सफलता प्राप्त करता है। उसका आत्मविश्वास उसे जीवन में आगे बढ़ने में मदद करता है।
- यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य उच्च राशि मेष या स्वराशि सिंह का हो तो व्यक्ति कलह के कारण से तनावयुक्त किंतु राजा या उच्चपदाधिकारी द्वारा सम्मानित व लाभ प्राप्त करने वाला और चतुष्पद से धन लाभ प्राप्त करने वाला और अत्यधिक वलवान होता है।एकादश भाव में सूर्य का प्रभाव व्यक्ति को साहस और धैर्य प्रदान करता है। वह अपने कार्यों में धैर्य रखता है और कठिनाइयों का सामना करता है। यह व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करता है और अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।
- यदि सूर्य के साथ लग्न कुंडली के चतुर्थ भाव का स्वामी भी बैठा हो तो व्यक्ति का अनेक संपत्तियों पर अधिकार होता है किंतु ऐसे व्यक्तिय का भाग्य उतार-चढ़ाव से भरपूर रहता है।नेतृत्व और आत्मविश्वास से यह व्यक्ति समाज में एक प्रेरणास्रोत बनता है। उसके विचार और कार्य समाज में एक उदाहरण बनते हैं। यह व्यक्ति अपने नेतृत्व से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाता है और लोगों को प्रेरित करता है।एकादश भाव में सूर्य का होना व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस स्थिति में व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। उसका आत्मबल मजबूत होता है और वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखता है। इस स्थिति में व्यक्ति की ऊर्जा और जीवनशक्ति बढ़ती है।
- यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति राजा के समान सुख और अधिकार प्राप्त करने वाला और लोगों को दंड देने का अधिकार रखने वाला होता है। प्रायः ऐसे व्यक्ति जज के पद पर आसीन होते हैं या किसी ऊँचे पद पर आसीन होते हैं साथ ही ऐसे व्यक्तियों को प्रायः ऐसे लोगों को हीं भारत रत्न भी प्राप्त होने की संभावना रहती है तथा इन्हें अनेक प्रकार के वाहनों व सवारी का सुख प्राप्त होता है।सूर्य की ऊर्जा व्यक्ति को उत्साह और सकारात्मकता प्रदान करती है। यह व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है और स्वस्थ जीवनशैली अपनाता है। वह अपने आहार और व्यायाम पर ध्यान देता है और नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराता है।
मानसागरी में कहा गया है कि:-( 11th House in Kundli )
यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति को बहुधनवान होने का सौभाग्य प्राप्त होता है तथा ऐसे व्यक्ति राजसेवक होते हैं। कहने का आशय यह है कि इन्हें राज कर्मचारी बनने का अवसर प्राप्त होता है तथा ऐसे व्यक्ति गुणवान होने के साथ-साथ दूसरों के गुणों की कदर करने वाले होते हैं।
मानसागरी के अनुसार इनका शरीर दुबला-पतला होता है और ऐसे व्यक्ति इतने रूपवान और मनोहर होते हैं कि इन्हें देखते ही कामिनी किशोरियों का चित्त फड़क उठता है।और सुंदर स्त्रियाँ इनकी ओर खिंची हुई स्वम् ही चली आती है अर्थात ऐसे व्यक्ति मूर्तिमान कामदेव ही होते हैं।
मंत्रेश्वर महाराज जी ने फलदीपिका में कहा है कि जिन व्यक्तियों की लगन कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो वह धनी और दीर्घायु होते हैं किंतु इन्हें अपने किसी अत्यधिक प्रिय की मृत्यु से अत्यधिक शोक सहन करना पड़ता है।व्यक्ति राजा अथवा जनगण के मुखिया होते हैं साथ ही ऐसे व्यक्ति नेक सलाह देने वाले, सुंदर नेत्रों वाले व गायन विद्या में रुचि रखने वाले होते हैं।
एकादश भाव में सूर्य का प्रभाव व्यक्ति को मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है। यह व्यक्ति तनाव और चिंता से मुक्त रहता है। उसकी मानसिक स्थिति स्थिर और संतुलित रहती है। वह जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।
- मेरे अनुभव के अनुसार अगर लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति अत्यधिक धनी, 25 वें वर्ष में वाहन सुख प्राप्त करने वाले, अनेक नौकर-चाकर से युक्त किंतु सूर्य का पापी ग्रह से संबंध बनने पर अत्यधिक धन व्यय करने वाले होते हैं।
- यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो तो और पाप ग्रह से दृष्ट हो तो व्यक्ति को कोई न कोई दुःख बना ही रहता है।जैसे कभी संपत्ति का अभाव तो कभी संतति का अभाव होता है।स्वास्थ्य और आत्मबल से यह व्यक्ति जीवन में खुश और संतुष्ट रहता है। उसकी ऊर्जा और सकारात्मकता उसे जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती है। यह स्थिति उसे एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में सक्षम बनाती है।
- एकादश भाव का सूर्य बड़े भाई के लिए शुभ नही होता है, एकादश भाव में यदि सूर्य मेष राशि का हो तो संतति का अभाव रहता है, मिथुन राशि का हो तो पुत्र का सुख नही मिलता कहने का आशय यह है कि या तो पुत्र से वैचारिक मतभेद रहता है या पुत्र को किसी प्रकार का कष्ट रहता है या पुत्र कहीं दूसरे स्थान में वास करता है या पुत्र की मृत्यु हो जाती है।
- यदि सिंह राशि का सूर्य हो तो अत्यधिक परिश्रम करने पर ही बड़ी सफलता मिलती है तथा कन्या संतति अधिक रहती है।यदि तुला राशि का हो तो धन, सम्मान, कीर्ति आदि सभी मिलते हैं लेकिन मन शांत नही रहता।
- यदि धनु राशि का सूर्य एकादश भाव में हो तो व्यक्ति कानून का विशेषज्ञ होता है, यदि कुंभ राशि का सूर्य हो तो कठिन परिश्रम से सफलताएं मिलती है किंतु पुत्र सुख उत्तम रहता है।
- यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य किसी भी पुरुष राशि का हो वह बड़े भाई के लिए अशुभ रहता है अर्थात या तो बड़े भाई की मृत्यु हो जाती है या बड़े भाई को कोई कष्ट रहता है या बड़े भाई से झगड़े होते रहते हैं साथ ही ऐसे व्यक्तियों को संपत्ति अवश्य ही मिलती है।किंतु उसके लिए इन्हें अत्यधिक परिश्रम करना पड़ता है,
- यदि स्त्री राशि का सूर्य एकादश भाव में हो तो व्यक्ति को संतति व संपत्ति दोनो ही सुख मिलते हैं तथा संपत्ति अचानक से मिलती है।
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