Ganesh Bhagwan :हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता के रूप में माना जाता है। वे बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के देवता हैं। गणेश जी का जन्म माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र के रूप में हुआ था। एक पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने उन्हें अपने शरीर के उबटन से उत्पन्न किया था।
भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काट दिया, लेकिन बाद में उन्होंने हाथी का सिर लगाकर उन्हें पुनर्जीवित किया। इसी कारण से गणेश जी को गजानन भी कहा जाता है।पुराणों और शास्त्रों में उनका वर्णन उनके अद्वितीय गुणों और शक्तियों के लिए किया गया है। वर्तमान समय में, जिसे हम कलयुग के नाम से जानते हैं, ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश का अवतार शीघ्र ही होने वाला है।
पुराणों और शास्त्रों में यह उल्लेख किया गया है कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि गणेश जी कलयुग में अवतरित होंगे और अपने भक्तों को विपत्तियों से मुक्त करेंगे। उनके अवतार का मुख्य उद्देश्य धर्म की स्थापना, सत्य का प्रचार और अधर्म का नाश करना होगा।
हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।गणेश पुराण में कलियुग को लेकर कुछ खास भविष्यवाणी की गई है।कलयुग वह युग है जिसमें मानवता नैतिकता, धर्म और सत्य से दूर होती जा रही है। इसे अधर्म, पाप और अत्याचार का युग कहा गया है। समाज में बढ़ती हिंसा, भ्रष्टाचार, स्वार्थ और नैतिक पतन इस युग की प्रमुख विशेषताएं हैं। ऐसे समय में भगवान गणेश का अवतार क्यों महत्वपूर्ण है,
इस पर चर्चा करना आवश्यक है।कलियुग में जब पाप कर्म चरम पर होंगे और लोगों में आपसी प्रेम समाप्त हो जाएगा तो मानव जाति का कल्याण करने के लिए भगवान गणेश धरती पर अवतार लेंगे। विष्णु पुराण में जिस प्रकार भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बारे में भविष्यवाणी की गई है उसी प्रकार से गणेश पुराण में बताया गया है कि जब धरती पर पाप और अत्याचार चरम पर होगा तो भगवान गणेशजी भी मनुष्यों को धर्म का मार्ग दिखाने के लिए अवतार लेंगे।
कलियुग में किस नाम से होगा Ganesh का अवतार!!!!
भगवान गणेश का मुख्य उद्देश्य धर्म की पुनर्स्थापना करना होगा। वे सत्य, अहिंसा, प्रेम और करुणा के गुणों का प्रचार करेंगे। उनका अवतार मानवता को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देगा।भगवान गणेश का अवतार कलयुग में मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होगी।
वे अपने अवतार से धर्म की पुनर्स्थापना, अधर्म का नाश और ज्ञान का प्रसार करेंगे। समाज में उनके अवतार का गहरा प्रभाव होगा और लोग सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होंगे।गणेश चतुर्थी के दसवें दिन अनंत चतुर्दशी को गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
विसर्जन का अर्थ होता है, गणेश जी को जल में समर्पित करना। यह प्रक्रिया अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है। भक्तजन गणेश जी को विदा करते समय उनसे पुनः अगले वर्ष आने की प्रार्थना करते हैं।
- जब ब्राह्मण करने लगेंगे ये काम!!!!
गणेश पुराण में बताया गया है कि जब ब्राह्मणों का मन वेदअध्ययन ने हटकर दूसरे काम में लगने लगेगा। जब वे तप, यज्ञ और शुभ कर्म करना बंद कर देंगे। जब समय पर वर्षा न होने से लोग खेती नदी किनारे करने लगेंगे तो भगवान गणेश का कलयुग अवतार प्रकट होगा।गणेश जी का अवतार अधर्म, पाप और अत्याचार का नाश करने के लिए होगा। वे अपने भक्तों को विपत्तियों से मुक्त करेंगे और समाज में शांति और समृद्धि का प्रचार करेंगे। - जब विद्वान बन जाएंगे मूर्ख!!!!
गणेश पुराण में बताया गया है कि जब लोग लालच में आकर एक-दूसरे को धोखा देने में संकोच नहीं करेंगे। यहां तक विद्वान और धार्मिक लोग लालचवश धन कमाने के चक्कर में मूर्ख बन जाएंगे तो उनके हान कुछ नहीं लगेगा। उल्टा जो कुछ भी उनके पास होगा वह भी चला जाएगा। लोग दूसरे की स्त्री पर बुरी नजर डालेंगे और बलवान लोग कमजोरों को सताएंगे तो इस धरती से अन्याय का नाश करने के लिए भगवान गणेश का नया अवतार जन्म लेगा।गणेश जी बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। उनके अवतार से मानवता को ज्ञान का प्रकाश प्राप्त होगा। वे शिक्षा, विज्ञान और कला के क्षेत्र में प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगे। - जब देवताओं के स्थान पर होगी दैत्यों की पूजा!!!!
ganesh पुराण में बताया गया है कि कलियुग में लब लोग धर्म के रास्ते को छोड़कर अधर्म के रास्ते पर चलने लगेंगे या फिर लोग अपने लालच को पूरा करने के लिए देवताओं के स्थान पर आसुरी शक्तियों की पूजा करने लगेंगे। ब्राह्मण में अपने अच्छे कर्म को छोड़कर सिर्फ लालचवश अपना पेट भरने लगेंगे तो इन सब बुराइयों को दूर करने के लिए गणेशजी के कलियुग अवतार का प्राकट्य होगा।गणेश जी का अवतार समाज पर गहरा प्रभाव डालेगा। उनके आने से न केवल धार्मिक और नैतिक मूल्यों का पुनर्जागरण होगा, बल्कि समाज में एकता, शांति और समृद्धि का माहौल भी बनेगा। वे अधर्मियों का नाश करेंगे और समाज में न्याय और धर्म की स्थापना करेंगे। - जब स्त्रियों में आ जाएंगे ये अवगुण!!!!
गणेश पुराण के अनुसार कलियुग में जब वैश्य समाज के लोग मेहनत से धन कमाने की बजाए बुरे आचरण को करके धन बटोरना शुरू कर देंगे। स्त्रियां अपने पतिव्रता धर्म को छोड़कर अधर्म का रास्ता अपना लेंगी। लोग माता-पिता और गुरुजनों अपमान करने लगेंगे तो ऐसी बुराइयों को दूर करने के लिए भगवान गणेश को भी धरती पर आकर अपना अवतार लेना होगा।गणेश जी के अवतार से धार्मिक और नैतिक मूल्यों का पुनर्जागरण होगा। लोग सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होंगे। समाज में नैतिकता और सद्गुणों का महत्व बढ़ेगा। - कौन होगा गणेशजी का अवतार!!!!
भगवान गणेशजी का कलियुग में जो अवतार होगा उसका नाम होगा ‘धूम्रकेतु’। कलियुग में समाज में फैल चुकी बुराइयों को दूर करने के लिए लोगों को सद्बुद्धि देने के लिए गजाजन भगवान अपने इस अवतार में प्रकट होंगे। ऐसी भविष्यवाणी स्वयं गणेश पुराण में की गई है।गणेश जी का अवतार अधर्मियों का नाश करेगा और समाज में न्याय की स्थापना करेगा। वे अपने भक्तों को विपत्तियों से मुक्त करेंगे और समाज में शांति और समृद्धि का प्रचार करेंगे।
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