janam kundli kaise dekhe in hindi

Janam Kundli एक खगोलीय चार्ट है जो व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को दर्शाता है। यह चार्ट ज्योतिषी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे वे व्यक्ति के भविष्य की भविष्यवाणी कर सकते हैं। कुंडली के विभिन्न पहलू, जैसे कि ग्रहों की स्थिति, राशियां, और भाव, व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जन्म कुंडली के माध्यम से व्यक्ति की मानसिकता, शारीरिक स्वास्थ्य, और जीवन की दिशा को समझा जा सकता है।

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क्यो होते है Janam Kundli में 12 भाव :-
  • कुंडली के मुख्य रूप से बारह भाव होते हैं, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हैं। प्रत्येक भाव का अपना विशेष महत्व होता है। जैसे कि पहला भाव व्यक्ति की पहचान और स्वभाव को दर्शाता है, जबकि सातवां भाव विवाह और साझेदारी से संबंधित होता है। जन्म कुंडली की समझ से व्यक्ति अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकता है।
  • जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति का भी विशेष महत्व होता है। प्रत्येक ग्रह का अपना प्रभाव होता है और यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर असर डालता है। ग्रहों की स्थिति के आधार पर ज्योतिषी यह अनुमान लगाते हैं कि व्यक्ति के जीवन में कौन सी घटनाएँ घटित हो सकती हैं। जैसे, सूर्य की स्थिति व्यक्ति की आत्मा और व्यक्तित्व को दर्शाती है, जबकि चंद्रमा की स्थिति उसकी मानसिकता और भावनात्मक स्थिति को दर्शाती है।
जन्म कुंडली कितने प्रकार की होती है :-
  • कुंडली के कई प्रकार होते हैं जो व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को दर्शाती है। इसके अलावा, हस्त कुंडली और वार्षिक कुंडली भी प्रमुख हैं। हस्त कुंडली हाथ की रेखाओं का अध्ययन करके व्यक्ति के भविष्य के बारे में बताती है। वार्षिक कुंडली हर साल की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए बनाई जाती है।
  • कुंडली का दूसरा प्रकार है दशा कुंडली। यह कुंडली व्यक्ति के जीवन के विभिन्न दशाओं को दर्शाती है। दशा कुंडली के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सुख-दुख का अनुमान लगाया जाता है। इस कुंडली में विभिन्न ग्रहों की दशाओं का वर्णन होता है जो व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रभावित करती हैं।
  • एक और महत्वपूर्ण कुंडली है प्रश्न कुंडली। यह कुंडली उस समय बनाई जाती है जब व्यक्ति किसी विशेष प्रश्न के उत्तर के लिए ज्योतिषी के पास जाता है। प्रश्न कुंडली के माध्यम से ज्योतिषी उस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करते हैं। इस कुंडली का उपयोग विशेष रूप से उन परिस्थितियों में किया जाता है जब व्यक्ति किसी विशेष निर्णय के बारे में अनिश्चित होता है।
  • कुंडली के प्रकारों को समझना बहुत आवश्यक है क्योंकि प्रत्येक प्रकार की कुंडली का अपना विशेष महत्व होता है। सही प्रकार की कुंडली का चयन करने से व्यक्ति अपनी समस्याओं का सही समाधान प्राप्त कर सकता है। कुंडली के विभिन्न प्रकारों का अध्ययन करके व्यक्ति अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ सकता है और उनके अनुसार निर्णय ले सकता है।
जन्म कुंडली कैसे देखे :-
  • कुंडली का अध्ययन करने के लिए सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि कुंडली के विभिन्न भाग क्या होते हैं। कुंडली के चार मुख्य भाग होते हैं: ग्रह, राशियां, भाव, और नक्षत्र। इन सभी का अध्ययन करके कुंडली को सही तरीके से समझा जा सकता है। कुंडली के अध्ययन के लिए सबसे पहले कुंडली के चक्र को देखना चाहिए, जो विभिन्न ग्रहों की स्थिति को दर्शाता है।
  • कुंडली का अध्ययन करने के लिए पहला कदम ग्रहों की स्थिति का निरीक्षण करना है। प्रत्येक ग्रह का अपनी कुंडली में एक विशेष स्थान होता है, जो व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। ग्रहों की स्थिति का अध्ययन करके यह समझा जा सकता है कि व्यक्ति के जीवन में कौन सी घटनाएँ घटित होंगी। उदाहरण के लिए, सूर्य की स्थिति यह दर्शा सकती है कि व्यक्ति का स्वभाव कैसा होगा, जबकि मंगल की स्थिति उसकी ऊर्जा और साहस को दर्शाती है।
  • कुंडली में राशियों का भी विशेष महत्व होता है। बारह राशियां व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं। प्रत्येक राशि का एक विशेष ग्रह होता है, जो उस राशि को नियंत्रित करता है। राशियों के अध्ययन से यह समझा जा सकता है कि व्यक्ति का स्वभाव कैसा होगा और वह किस प्रकार के निर्णय लेगा। कुंडली के अध्ययन में राशियों की स्थिति का निरीक्षण करना भी आवश्यक है।
  • भावों का अध्ययन भी कुंडली के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बारह भाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य, धन, प्रेम, और करियर। प्रत्येक भाव का एक विशेष महत्व होता है और इसका अध्ययन करके व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझा जा सकता है। कुंडली के अध्ययन के लिए भावों की स्थिति का भी निरीक्षण करना आवश्यक है।

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FAQ’s

1. जन्म कुंडली क्या होती है?

जन्म कुंडली एक खगोलीय चार्ट है जो व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को दर्शाता है।

2. कुंडली के मुख्य प्रकार कौन-कौन से होते हैं?

जन्म कुंडली, दशा कुंडली, वार्षिक कुंडली, और प्रश्न कुंडली मुख्य प्रकार की कुंडलियाँ हैं।

3. कुंडली का अध्ययन कैसे किया जाता है?

कुंडली का अध्ययन ग्रहों, राशियों, भावों, और नक्षत्रों की स्थिति का निरीक्षण करके किया जाता है।

4. कुंडली के माध्यम से भविष्यवाणी कैसे की जाती है?

कुंडली के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करके ज्योतिषी व्यक्ति के जीवन के बारे में भविष्यवाणी करते हैं।

5. कुंडली में ग्रहों का क्या महत्व होता है?

प्रत्येक ग्रह का अपना विशेष प्रभाव होता है जो व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है।

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