Janam Kundli se Jane Love Marriage Hogi ya Arrange

जन्म कुंडली हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। यह जानने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है कि हमारी Marriage लव मैरिज होगी या अरेंज। कुंडली के ग्रहों की स्थिति हमारे विवाह के प्रकार को निर्धारित करती है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी शादी कैसी होगी, तो ध्यान पूर्वक पढ़े ।

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Love Marriage :-
  • कुंडली में शुक्र ग्रह का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह प्रेम, आकर्षण और संबंधों का प्रतीक है। अगर आपकी कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में है, तो लव मैरिज के आसार ज्यादा होते हैं। शुक्र के अलावा, मंगल और राहु भी प्रेम विवाह को प्रोत्साहित करते हैं। इन ग्रहों का प्रभाव यदि लग्न में या सातवें भाव में होता है, तो लव मैरिज की संभावना बढ़ जाती है।
  • शुक्र और मंगल का संयोग प्रेम में जुनून को बढ़ाता है। यह संकेत करता है कि व्यक्ति के जीवन में प्रेम का प्रभाव अधिक होगा। ऐसे लोग अधिकतर लव मैरिज करते हैं। राहु का प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। यह परंपरागत नियमों को तोड़ने की प्रवृत्ति को दर्शाता है, जिससे प्रेम विवाह की संभावना बढ़ जाती है।
  • अब बात करते हैं अरेंज मैरिज की। यदि कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत हो, तो अरेंज मैरिज की संभावना अधिक होती है। गुरु शास्त्रों और परंपराओं का पालन करने वाला ग्रह है। यदि गुरु का प्रभाव सातवें भाव पर हो, तो व्यक्ति परिवार की इच्छा के अनुसार शादी करता है। यह अरेंज मैरिज का स्पष्ट संकेत है।
  • साथ ही, सूर्य और शनि का भी अरेंज मैरिज पर प्रभाव होता है। सूर्य का प्रभाव व्यक्ति को परिवार और समाज की इच्छाओं के प्रति उत्तरदायी बनाता है। शनि का प्रभाव व्यक्ति को धैर्य और संयम के साथ निर्णय लेने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। यह संकेत करता है कि व्यक्ति परिवार के मार्गदर्शन में अरेंज मैरिज करेगा।
  • सप्तम भाव विवाह का मुख्य भाव होता है। इस भाव में स्थित ग्रहों की स्थिति से विवाह के प्रकार का निर्धारण होता है। यदि सप्तम भाव में शुक्र, मंगल या राहु का प्रभाव हो, तो लव मैरिज की संभावना अधिक होती है। वहीं, यदि गुरु, सूर्य या शनि का प्रभाव हो, तो अरेंज मैरिज की संभावना बढ़ जाती है।
  • सप्तम भाव का स्वामी और उसकी स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है। यदि सप्तम भाव का स्वामी शुक्र या मंगल हो और शुभ ग्रहों के साथ हो, तो लव मैरिज के आसार बढ़ते हैं। वहीं, यदि सप्तम भाव का स्वामी गुरु या शनि हो, तो अरेंज मैरिज की संभावना अधिक होती है। यह एक महत्वपूर्ण ज्योतिष टिप है जो आपकी शादी के प्रकार को निर्धारित कर सकता है।

जन्म कुंडली में यदि चंद्रमा और शुक्र के बीच संबंध हो, तो लव मैरिज के आसार बढ़ते हैं। चंद्रमा भावनाओं का कारक होता है, और शुक्र प्रेम का। दोनों के बीच संबंध से प्रेम विवाह की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, यदि चतुर्थ भाव और सप्तम भाव के स्वामी के बीच संबंध हो, तो भी लव मैरिज की संभावना रहती है।

अरेंज मैरिज के लिए गुरु और सूर्य का संबंध महत्वपूर्ण होता है। गुरु और सूर्य के बीच संबंध होने पर व्यक्ति पारंपरिक और समाजिक विवाह करता है। यह अरेंज मैरिज का संकेतक होता है। इन ज्योतिष टिप्स को जानकर आप अपनी शादी के प्रकार का अनुमान लगा सकते हैं।

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FAQ’s

1. क्या लव मैरिज का पता जन्म कुंडली से चल सकता है?

हाँ, कुंडली के ग्रहों की स्थिति से लव मैरिज की संभावना जानी जा सकती है।

2. अरेंज मैरिज की संभावना को कैसे पहचाना जा सकता है?

गुरु, सूर्य और शनि के प्रभाव से अरेंज मैरिज की संभावना बढ़ती है।

3. सप्तम भाव का विवाह पर क्या प्रभाव होता है?

सप्तम भाव विवाह का मुख्य भाव है, इसकी स्थिति से विवाह के प्रकार का निर्धारण होता है।

4. कौन से ग्रह लव मैरिज के लिए जिम्मेदार होते हैं?

शुक्र, मंगल और राहु लव मैरिज के लिए जिम्मेदार होते हैं।

5. अरेंज मैरिज के लिए कौन से ग्रह प्रमुख होते हैं?

गुरु, सूर्य और शनि अरेंज मैरिज के लिए प्रमुख ग्रह होते हैं।

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