KaalSarp Dosh : जानिए कब और केसे बनता है कुंडली में कालसर्प दोष


KaalSarp Dosh : भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष नामक एक दोष देखने को मिलता है ज्योतिष शास्त्र में अनेको प्रकार के दोष योग आदि बताए गए हैं जो किसी न किसी कारण घटित होते हैं कालसर्प दोष उनमें से ही एक दोष है जो की काफी खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह व्यक्ति की जीवन के 38 साल खराब कर देता है जब जीवन की एटीकेटिस साल खराब हो गए तो बाकी जीवन बचत इन बातों पर गौर करनी चाहिए कालसर्प दोष महत्वपूर्ण जो अच्छे दोस्त इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यह बाकी सभी ग्रहों का कार्य करने का जो समय है या कार्य करने की जो अवधि है उसको दूर कर देता है और बाकी कोई भी और ग्रह अपना कार्य नहीं कर पाते कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति का जीवन नर्क सा बन जाता है । KaalSarp Dosh एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है। इसे KaalSarp Dosh भी कहा जाता है। यह दोष तब बनता है जब कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। इनका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता, लेकिन ज्योतिष में इनका बड़ा महत्व है।कालसर्प दोष का नाम डरावना लग सकता है। लेकिन यह जीवन में आने वाली समस्याओं और कठिनाइयों को दर्शाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता, मानसिक तनाव और आर्थिक समस्याएं ला सकता है। इसे समझना और निवारण करना महत्वपूर्ण है।कालसर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। यह दोष मानसिक और शारीरिक समस्याएं ला सकता है। व्यक्ति को नींद में कठिनाई, डरावने सपने और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आर्थिक दृष्टि से भी कालसर्प दोष नुकसानदायक हो सकता है। व्यक्ति को आर्थिक समस्याएं, धन की कमी और व्यापार में नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, यह दोष रिश्तों में तनाव और परिवार में कलह भी ला सकता है।

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KaalSarp Dosh के प्रकार :-

कालसर्प दोष के कई प्रकार होते हैं। इनका वर्गीकरण राहु और केतु की स्थिति पर निर्भर करता है। सबसे प्रमुख प्रकार हैं अंशिक कालसर्प दोष, पूर्ण कालसर्प दोष और अनंत कालसर्प दोष। अंशिक कालसर्प दोष तब बनता है जब कुछ ग्रह राहु-केतु के बीच होते हैं और कुछ बाहर। पूर्ण KaalSarp Dosh तब बनता है जब सभी ग्रह राहु-केतु के बीच होते हैं। अनंत कालसर्प दोष सबसे गंभीर माना जाता है। इसमें राहु और केतु के बीच सभी ग्रह होते हैं और इनमें विशेष स्थिति होती है। यदि हम भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहीं तो कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते हैं जिनमें सब प्रथम अनंत कालसर्प दोष, कुलिक कालसर्प दोष, वस्की कालसर्प दोष, शंखपाल कालसर्प दोष, पद्म कालसर्प दोष, महापदम कालसर्प दोष, तक्षक कालसर्प दोष ,कर्कोटक कालसर्प दोष, शंखचूड़ कालसर्प दोष ,घातक कालसर्प दोष ,विषधर कालसर्प दोष ,एवं शेषनाग कालसर्प दोष यह सभी दोष के प्रकार है।

कालसर्प दोष के लक्षण :-
कालसर्प दोष के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। यह व्यक्ति की कुंडली और ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। इसके सामान्य लक्षणों में मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएं, विवाह में देरी, स्वास्थ्य समस्याएं, और पारिवारिक कलह शामिल हैं।अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। KaalSarp Dosh व्यक्ति के करियर, विवाह और व्यक्तिगत जीवन पर भी असर डाल सकता है। सही समय पर इसे पहचानना और उपाय करना आवश्यक है।मानव के जीवन में प्रत्येक कार्य में बाधा उत्पन्न कालसर्प दोष के कारण होती है शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता और मानसिक एवं शारीरिक तौर पर व्यक्ति कमजोर रहता है क्रोध अधिक आएगा विद्या में विज्ञान आएंगे और कई बार तो ऐसा समय आ जाता है कि कालसर्प योग के कारण व्यक्ति अपनी शिक्षा की पूरी नहीं कर पाता उसका मन हर समय उचट रहता है कहीं पर उसका मन नहीं लगता धन-धान्य में रूकावटों का सामना करना पड़ सकता है पर संतोष अज्ञात भाई असरक्षा की भावना हमेशा बनी रहती है कालसर्प योग के कारण ब्लैक गणेश विवाह में देरी आरती में बाधा तीन भावना एवं कुंडली का फल भी अच्छी तरह से नहीं मिलता अगर आपके जीवन में ऐसे कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तो निश्चय आपके ऊपर कालसर्प दोष का प्रभाव बना हुआ है आप खुशी करती शीघ्र इसका उपाय करना चाहिए।

कालसर्प दोष के निवारण उपाय :-
कालसर्प दोष का निवारण करने के लिए विभिन्न उपाय उपलब्ध हैं। सबसे पहले, व्यक्ति को नियमित रूप से शिव पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव की पूजा कालसर्प दोष को शांत कर सकती है। इसके लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है। इसके अलावा, नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करना भी फायदेमंद होता है। नागपंचमी के दिन व्रत रखना और नाग देवता को दूध अर्पण करना भी लाभकारी होता है। यह उपाय कालसर्प दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं।ज्योतिष में कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए विभिन्न उपाय बताए गए हैं। कुंडली का गहन विश्लेषण करना आवश्यक है। व्यक्ति को उचित रत्न धारण करने की सलाह दी जा सकती है। राहु और केतु के प्रभाव को कम करने के लिए हस्सानिया रत्न धारण करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा, कुछ विशेष यज्ञ और पूजा भी की जा सकती है। KaalSarp Dosh निवारण पूजा, विशेष मंत्रों का जाप और हवन व्यक्ति के जीवन से दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इन उपायों से व्यक्ति को मानसिक शांति और जीवन में सुधार मिल सकता है। कालसर्प दोष के निवारण के लिए यदि हम शास्त्रीय विधान की बात करें तो सब प्रथम आप शिव शंकर महाराज की पूजा करें अमृत संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जप करवाएं इससे आपके शरीर में जो भी कष्ट है जो भी रोग है वह दूर हो जाएंगे आपका क्रोध भी शांत रहने लग जाएगा और आपका कारोबार भी बढेगा है उसके पश्चात आप राहु गायत्री का 18000 जाप करवाए इससे जो आपका उचाट पण है वह दूर हो जाएगा आपके घर में क्लेश है वह भी दूर होगा आपकी विद्या में विघ्न आदि जो आ रहे हैं उससे आपको छुटकारा मिल जाएगा उसके बाद आप केतु गायत्री का 17000 जप करवाएं इससे जो आपको अज्ञात भय है आपके अंदर मानसिक तनाव बना रहता है असंतोष की भावना आपके अंदर बनी रहती है इससे यह दूर होगा तत्पश्चात आप नाग गायत्री 31000 जप करवाएं इससे अंतर मन की शक्ति की बढ़ोतरी हो सकती है आर्थिक विकास भी अच्छा होगा धन परिवार का सुख भी आपको अच्छा प्राप्त होगा इसके बाद आप रुद्राभिषेक के 11 पाठ करवा इससे सभी अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव दूर हो जाएंगे सुख साधनों में आपकी बढ़ोतरी होगी और आपका जीवन सुख शांति से गुजरेगा ।

कालसर्प दोष का सामाजिक प्रभाव :-
कालसर्प दोष का सामाजिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। यह दोष समाज में कई प्रकार की धारणाएं और मान्यताएं बनाता है। कई लोग कालसर्प दोष के कारण विवाह, करियर और व्यक्तिगत जीवन में समस्याओं का सामना करते हैं। समाज में KaalSarp Doshको लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां और डर होते हैं। इस दोष को ठीक करने के लिए लोग विभिन्न उपाय और पूजा-पाठ करते हैं। समाज में इस दोष को लेकर जागरूकता और सही जानकारी का प्रसार महत्वपूर्ण है।

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शरांश :

कालसर्प दोष एक प्राचीन ज्योतिषीय अवधारणा है। यह व्यक्ति के जीवन में समस्याओं और चुनौतियों को दर्शाता है। KaalSarp Dosh के विभिन्न प्रकार, लक्षण और प्रभाव होते हैं। निवारण उपायों के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सुधार ला सकता है। हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण KaalSarp Dosh को नहीं मानता। लेकिन मानसिक शांति और सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। समाज में जागरूकता और सही जानकारी का प्रसार महत्वपूर्ण है। KaalSarp Dosh को समझना और उचित उपाय करना व्यक्ति के जीवन में संतुलन और शांति ला सकता है।कालसर्प निवारण करने के लिए आप कुछ छोटे-मोटे टोटके भी कर सकते हैं इससे कालसर्प दोष का प्रभाव थोड़ा काम हो सकता है आप अपने घर के जो ईशान कोण है उसमें मोर पंख अवश्य रखें हर सोमवार आप गाय को रोटी अवश्य दें गंगाजल और कच्ची लस्सी जाने की दूध में पानी मिलाकर आप शंकर जी का अभिषेक करें पांच चांदी के सांपों का जो जोड़ा है वह आप शंकर जी को समर्पित करें शनिवार के दिन गंगाजल और गोमूत्र मिलकर आप यदि घर में छिड़काव करते हैं तो इससे आपका जीवन सुख में व्यतीत होगा ।

FAQ

1. कालसर्प दोष क्या होता है ?

कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय दोष है। यह तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं।

2. कालसर्प दोष के लक्षण क्या हैं ?

कालसर्प दोष के लक्षणों में मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएं, विवाह में देरी, और स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं।

3. कालसर्प दोष का निवारण कैसे किया जा सकता है ?

कालसर्प दोष का निवारण करने के लिए शिव पूजा, महामृत्युंजय मंत्र जाप, और नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जा सकती है।

4. कालसर्प दोष का वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है ?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, कालसर्प दोष केवल एक मानसिक धारणा है। ग्रहों की स्थिति का व्यक्ति के जीवन पर कोई सीधा प्रभाव नहीं होता।

5. क्या कालसर्प दोष से जीवन में सुधार संभव है ?

हाँ, उचित उपाय और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सुधार संभव है। मानसिक शांति और सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

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