कुंडली मिलान करते समय रखें इन बातों का ध्यान नहीं तो जीवन बनेगा नर्क

कुंडली मिलान विवाह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे सही ढंग से करने के लिए जन्म कुंडली की सही जानकारी बेहद आवश्यक है। सबसे पहले, दोनों पक्षों के जन्म समय, तिथि और स्थान का सही विवरण होना चाहिए। बिना सही जानकारी के, कुंडली मिलान में त्रुटियां हो सकती हैं। इसलिए, सही जन्म विवरण के बिना कुंडली मिलान की प्रक्रिया में शामिल न हों।

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कई बार, लोग जन्म समय के बारे में अनिश्चित रहते हैं। ऐसे में, ज्योतिषी को सूचित करना चाहिए ताकि वे सही विधि से कुंडली मिलान कर सकें। विवाह ज्योतिष में, सही जन्म विवरण से ही विवाह के शुभ योग और दुष्ट योग का पता चलता है। इसीलिए, कुंडली मिलान की शुरुआत से पहले इस बात का ध्यान अवश्य रखें।

1. गुणों का मिलान

विवाह में कुंडली मिलान के समय, गुणों का मिलान सबसे प्रमुख होता है। यह विवाह के लिए उपयुक्तता की जांच का आधार है। 36 गुणों का मिलान दो व्यक्तियों की अनुकूलता को दर्शाता है। अगर दोनों पक्षों के 18 या उससे अधिक गुण मिलते हैं, तो इसे शुभ माना जाता है। इससे विवाह के बाद का जीवन सुखी और संतोषजनक होने की संभावना बढ़ जाती है।

गुण मिलान में, कुछ विशेष गुण जैसे वर और कन्या के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का मिलान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर ये गुण सही से मिल जाएं, तो विवाह सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार लोग सिर्फ कुल गुणों की संख्या पर ध्यान देते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण गुणों का मिलान अधिक आवश्यक है। सही गुणों का मिलान विवाह के भविष्य को सुरक्षित करता है।

2. नाड़ी दोष का महत्व

कुंडली मिलान करते समय नाड़ी दोष को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नाड़ी दोष का मिलान विवाह ज्योतिष में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। अगर दोनों पक्षों में नाड़ी दोष पाया जाता है, तो यह विवाह के लिए हानिकारक हो सकता है। नाड़ी दोष के कारण वैवाहिक जीवन में स्वास्थ्य समस्याएं, संतान से जुड़ी दिक्कतें और मानसिक अशांति हो सकती है।

हालांकि, कुछ उपाय और पूजा द्वारा नाड़ी दोष को कम किया जा सकता है। विवाह में, नाड़ी दोष का समाधान ज्योतिषी की सहायता से किया जा सकता है। इसके लिए, विवाह से पहले नाड़ी दोष का मिलान और उसका समाधान करना आवश्यक होता है। इसलिए, नाड़ी दोष की जांच और उसका समाधान विवाह से पहले अवश्य करें।

3. मंगल दोष की जांच

कुंडली मिलान करते समय मंगल दोष की जांच भी अत्यंत आवश्यक होती है। मंगल दोष का मतलब होता है कि किसी की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति विवाह के लिए अनुकूल नहीं है। अगर किसी भी पक्ष की कुंडली में मंगल दोष पाया जाता है, तो विवाह में समस्याएं आ सकती हैं। मंगल दोष के कारण वैवाहिक जीवन में संघर्ष, वाद-विवाद और तनाव हो सकता है।

मंगल दोष को ज्योतिषी की मदद से समझा और निवारण किया जा सकता है। कई बार, दोनों पक्षों में मंगल दोष पाया जाता है, और यह समस्या का हल कर सकता है। लेकिन अगर एक ही पक्ष में मंगल दोष हो, तो विवाह के लिए विशेष उपायों की जरूरत होती है। मंगल दोष का निवारण विवाह में महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वैवाहिक जीवन की शांति और सुख सुनिश्चित हो सकते हैं।

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FAQ’s

1. कुंडली मिलान में सबसे महत्वपूर्ण बात क्या होती है?

कुंडली मिलान में जन्म विवरण की सही जानकारी और गुणों का मिलान सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।

2. नाड़ी दोष का समाधान कैसे किया जा सकता है?

नाड़ी दोष का समाधान ज्योतिषीय उपाय और पूजा के माध्यम से किया जा सकता है।

3. कितने गुण मिलने चाहिए ताकि विवाह शुभ हो?

विवाह को शुभ मानने के लिए कम से कम 18 गुणों का मिलान होना चाहिए।

4. मंगल दोष का निवारण कैसे संभव है?

मंगल दोष का निवारण विशेष पूजा, उपायों और दोनों पक्षों में दोष होने पर हो सकता है।

5. क्या गलत जन्म विवरण से कुंडली मिलान में त्रुटि हो सकती है?

हां, गलत जन्म विवरण से कुंडली मिलान में त्रुटियां हो सकती हैं, जो विवाह में समस्याओं का कारण बन सकती हैं।

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