Manglik Dosh In Kundli : मांगलिक दोष प्रभाव और उपाय

Manglik Dosh In Kundli : भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब बालक का जन्म होता है तो उसकी जन्मपत्री एवं उसका जन्म टेवा बनवाया जाता है कुंडली के ग्रहों के हिसाब से उनकी स्थिति जानी जाती है जन्म कुंडली के अंतर्गत जन्म के समय कुंडली में अनेकों योग पैदा होते हैं जिनमें से कुछ योग काफी लाभकारी होते हैं जो आनंद की प्राप्ति करवाते हैं लेकिन कुछ योग ऐसे भी होते हैं जो कष्ट को देने वाले होते हैं जिस व्यक्ति का जीवन निकृष्ट हो जाता है कुछ ग्रह बचपन में ही फल देना शुरू कर देते हैं कुछ युवावस्था में एवं कुछ ग्रह वृद्धा अवस्था में आकर अपना फल ग्रहण करवाते हैं जब हम लड़का या लड़की के युवा होने की बात करते हैं तो उनका जीवनसाथी खोजना हमारा परम कर्तव्य बन जाता है माता-पिता अपने बच्चे एवं लड़की के लिए योग व या वधू की खोज में लगे रहते हैं हर एक माता-पिता यही चाहता है कि उसके लड़के के लिए अच्छी लड़की मिले एवं लड़की के लिए अच्छा वर्क की प्राप्ति हो ऐसा पारिवारिक रिश्ता प्राप्त हो अच्छे गुना से युक्त व एवं वधू प्राप्त हो परंतु कई बार जब हम कुंडली पर विचार करते हैं तो हमारा लड़का एवं हमारी लड़की मांगलिक होते हैं जिसके कारण हमारे बच्चों के विवाह में देरी होने लग जाती है कुंडली मिलान करते समय हम शास्त्रों के अधीन रहकर Manglik लड़के की शादी Manglikलड़की से करवाते हैं और मांगलिक लड़की की शादी Manglikलड़के से करवाते हैं कई बार ऐसा भी देखने को मिल जाता है कि अगर मांगलिक लड़की की शादी गैर मांगलिक की लड़की से की जाए तो दोनों का जो वैवाहिक जीवन है वह कष्ट में गुजरता है उनके घर में काली चढ़ा रहता है हर समय झगड़ा होता रहता है धन-धान्य की कमी हो जाती है एवं जीवन नर्क के समान हो जाता है। इन्हीं कर्ण की वजह से मांगलिक दोष सबसे बड़ा दोष माना जाता है शादी के लिए।मांगलिक दोष भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण और प्रचलित विषय है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह का स्थान कुछ विशेष भावों में होता है। विशेषकर, यह दोष तब माना जाता है जब मंगल 1, 2, 4, 7, 8 और 12वें भाव में स्थित होता है। इसे मांगलिक दोष या मंगली दोष कहा जाता है और इसे विवाह में समस्याओं का कारण माना जाता है।

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Manglik दोष का प्रभाव


Manglik दोष के कारण व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जन्म कुंडली में ग्रह स्पष्ट के अनुसार गृह निर्माण करते हुए जब हम जन्म कुंडली का विचार करते हैं तो समय जो मंगल की ग्रह स्थिति है उसे पर ज्यादा विशेष विचार किया जाता है अगर मंगल लग्न चौथे भाव में सातवें भाग में एवं आठवें भाव में भाव में स्थित हो तो लड़का या लड़की मांगलिक माने जाते हैं अगर मंगल इन सभी स्थानों में बैठा हूं तो सुख में कमी शरीर कष्ट खर्चे में वृद्धि एवं जो संबंध है उनमें झगड़ा उत्पन्न होता रहता है मंगल जब लग्न में होता है तो शरीर को अनेकों प्रकार के रोग लग जाते हैं शरीर को कष्ट प्रदान होता है झनझनाहट सी शरीर में लगी रहती है यदि मंगल चौथे भाव में हो तो वह सुख साधनों में कमी करता है ना तो मकान का सुख मिलता है ना ही वहां का सुख मिलता है यदि सातवें भाव में मंगल विराजमान होते हैं तो पति-पत्नी में आपसी वैचारिक मतभेद बने रहते हैं किसी न किसी बात को लेकर उनका झगड़ा होता रहता है इसी प्रकार जब आठवें भाव में मंगल होता है तो व्यक्ति को मान सम्मान की कमी होती है उसकी आयु में कमी होती है उसकी रोग से आयु की कमी उत्पन्न होती रहती है मंगल यदि द्वादश भाव में है तो खर्चे में बढ़ोतरी करता है बिना सोचे समझे व्यक्ति खर्च करने लग जाता है एवं उसका सारा धन खर्च में ही चला जाता हैअगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है तो आपको कुछ उपाय करने चाहिए जिससे आपका जीवन सुख मय व्यतीत हो और आप अपने जीवन में आनंद की प्राप्ति कर सको।

  • विवाह में विलंब: Manglik दोष वाले जातकों का विवाह सामान्यतः देर से होता है।
  • दाम्पत्य जीवन में कलह: विवाह के बाद दंपति के बीच मतभेद और कलह की स्थिति बन सकती है।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: मांगलिक दोष के कारण जीवनसाथी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • वित्तीय समस्याएं: वैवाहिक जीवन में आर्थिक कठिनाइयां आ सकती हैं।

मांगलिक दोष का निवारण
मांगलिक दोष का निवारण करने के लिए विभिन्न उपाय और साधन उपलब्ध हैं। इन उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बना सकता है। आइए, कुछ प्रमुख उपायों पर विचार करते हैं:

  1. मांगलिक दोष की पूजा और अनुष्ठान :
    मंगल दोष की शांति के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान करने की सलाह दी जाती है। इनमें मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगल चालीसा, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसके अतिरिक्त, मांगलिक दोष निवारण के लिए मंगल यंत्र की स्थापना और नियमित पूजा करना भी फलदायक होता है।
  2. भगवान हनुमान की उपासना :
    मंगल ग्रह को हनुमान जी का अधिपति माना जाता है। अतः, हनुमान जी की उपासना और पूजा करने से Manglikदोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। प्रत्येक मंगलवार को हनुमान मंदिर जाकर पूजा करना, हनुमान चालीसा का पाठ करना, और बजरंग बाण का पाठ करना विशेष रूप से प्रभावी होता है।
  3. रत्न धारण करना :
    मांगलिक दोष को कम करने के लिए मंगल ग्रह से संबंधित रत्नों का धारण करना भी एक प्रभावी उपाय है। ज्योतिष के अनुसार, मूंगा (कोरल) रत्न धारण करने से Manglik दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसे सही मुहूर्त और विद्वान ज्योतिषी की सलाह के अनुसार धारण करना चाहिए।
  4. मंत्र जाप और ध्यान :
    मंगल ग्रह की शांति के लिए विशेष मंत्र जाप भी किया जाता है। “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का नियमित जाप करने से मांगलिक दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, ध्यान और योग अभ्यास से मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं, जो वैवाहिक जीवन में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
  5. मांगलिक दोष निवारण के पारंपरिक उपाय :
    कुछ पारंपरिक उपाय भी हैं जो Manglikदोष को कम करने में सहायक होते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
    कुंभ विवाह: मांगलिक दोष से पीड़ित व्यक्ति का पहले कुंभ (घड़े) से विवाह करवाया जाता है। इसके बाद ही असली विवाह संपन्न किया जाता है।
    वट विवाह: वट वृक्ष से विवाह कराकर भी मांगलिक दोष को शांत किया जा सकता है।
    विवाह में सामंजस्य: किसी Manglik व्यक्ति का विवाह दूसरे मांगलिक व्यक्ति से करना शुभ माना जाता है, जिससे दोनों के दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
  6. अनुकूल विवाह का चयन :
    मांगलिक दोष के बावजूद अनुकूल विवाह का चयन भी एक महत्वपूर्ण उपाय है। ज्योतिषी की सलाह से कुंडली मिलान करके ही विवाह का निर्णय लेना चाहिए। अनुकूल ग्रह स्थिति और योगों का विचार करके विवाह करने से मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है।

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मांगलिक दोष से जुड़ी भ्रांतियां
मांगलिक दोष को लेकर समाज में कई भ्रांतियां और गलत धारणाएं प्रचलित हैं। हमें समझना चाहिए कि Manglikदोष एक ज्योतिषीय योग है, जिसे सही उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है। सही जानकारी और उपायों के माध्यम से हम मांगलिक दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं और सुखमय वैवाहिक जीवन जी सकते हैं।

शरांश :

मांगलिक दोष भारतीय ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण विषय है, लेकिन सही उपायों और पूजा-अनुष्ठानों के माध्यम से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।आप अपने जीवन को आनंद से व्यतीत करने के लिए मंगल के दोष का उपाय अवश्य करें तो आपका जीवन सुख मायावती तो होगा और आपके वैवाहिक जीवन में भी सुख की प्राप्ति होगी घर में हर समय होने वाला झगड़ा भी दूर होगा अगर हो सके तो मंगरिक दोष का उपाय शादी से पहले ही करवा ले तो अच्छा रहता है इसके बाद जीवन सही ढंग से होती तो है यदि शादी हो चुकी है तब भी आप ऊपर बताएंगे उपाय अवश्य करें इनका फल आपको अवश्य ही प्राप्त होता रहेगा विशेष कर आप जानकारी चाहते हैं तो आप किसी अच्छे आचार्य से परामर्श ले सकते हैं क्योंकि भारतीय ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मांगलिक दोष के बारे में विभिन्न विभिन्न चर्चाएं होती रहती हैं और हर एक चर्चा का अपना एक उदाहरण निकलकर सामने आता रहता है । हमें मांगलिक दोष को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करना चाहिए और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यदि आप Manglikदोष से पीड़ित हैं तो विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें और उचित उपाय करें।

FAQ

1. मांगलिक दोष कैसे पता चलता है ?

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के ग्रहों की स्थिति से पता चलता है कि कोई व्यक्ति मांगलिक है या नहीं। मंगल ग्रह जिसको मंगल कहते हैं, उसके जीवन में संबंध दृढ़ होते हैं।

2. मंगलिक दोष के कारण और प्रभाव क्या हैं ?

मांगलिक दोष के उपाय और कारणों में शास्त्रों और ज्योतिषी से प्राप्त जानकारी शामिल हो सकती है। शादी के डिले टूट जाना, कोई नाता न होना, पारिवारिक उतार-चढ़ाव आदि मांगलिक दोष के प्रभाव के लक्षण।

3. क्या मांगलिक दोष का समाधान है ?

मांगलिक दोष को शुभ करने के लिए अनेक उपाय हैं जैसे व्रत, मंत्र और पूजा। शादी के पहले विशेष उपाय भी किए जा सकते हैं ताकि विवाह में कोई बाधा न आए।

4. क्या नीलम को मांगलिक दोष के उपाय के रूप में पहनना चाहिए ?

मांगलिक दोष में नीलम पहनने का मान्यता कितना सही है, इस पर विश्वास करना व्यक्ति के श्रद्धा के आधार पर है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नीलम मंगल के प्रतीक के रूप में पहन सकता है।

5. क्या कुंडली में मांगलिक दोष होने पर विवाह होना संभव है ?

मांगलिक दोष वाले व्यक्ति को उचित उपाय करते हुए भी शादी करने की संभावनाएं हो सकती हैं। शुद्धिकरण और उपाय के बाद मंगल दोष कम हो सकता है

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