Murti Vastu : घर में कई तरह की प्रतिमाएं होती हैं जिसमें से कुछ वास्तु अनुसार होती है और कुछ नहीं। जो नहीं होती है उसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं।वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है। यह घर के निर्माण और साज-सज्जा के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। घर में मूर्ति रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। सही मूर्ति चुनने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।घर में मूर्ति रखना एक पुरानी परंपरा है। यह परंपरा आज भी प्रचलित है।
मूर्ति का चयन करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। मूर्ति की दिशा और स्थान भी महत्वपूर्ण है।वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में देवी-देवताओं की मूर्तियाँ रखनी चाहिए। इससे घर में शांति और सुख-समृद्धि आती है। मूर्ति का आकार और स्वरूप भी वास्तु के अनुसार होना चाहिए।मूर्ति रखते समय उसकी स्थिति और दिशा का ध्यान रखें। सही दिशा और स्थान से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर के सदस्यों को मानसिक और शारीरिक लाभ मिलता है।
देवी देवताओं की मूर्ति :- भगवान गणेश की मूर्ति घर में रखना शुभ माना जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनका स्वरूप विघ्नों का नाश करने वाला है। घर के मुख्य दरवाजे के पास गणेश जी की मूर्ति रखनी चाहिए।गणेश जी की मूर्ति घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। इससे घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है। उनकी मूर्ति शुभ अवसरों पर भी रखी जाती है। मूर्ति को रोज़ाना साफ करें और पूजा करें।
गणेश जी की मूर्ति के लिए पीतल, तांबा या चांदी का प्रयोग करें। यह धातुएँ शुभ मानी जाती हैं। मूर्ति का चेहरा घर के अंदर की तरफ होना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह घर के अंदर होता है।
गणेश जी की मूर्ति के साथ रिद्धि-सिद्धि की मूर्ति भी रखें। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। मूर्ति के पास दीपक जलाएं और प्रसाद चढ़ाएं। इससे घर में शुभता बनी रहती है।
Murti Vastu Gods Murti
- लक्ष्मी जी धन और समृद्धि की देवी हैं। घर में लक्ष्मी जी की मूर्ति रखना शुभ होता है। उनकी मूर्ति को घर के पूजा स्थान में रखें। इससे घर में धन और वैभव बना रहता है।लक्ष्मी जी की मूर्ति के लिए सोने, चांदी या पीतल की मूर्ति रखें। मूर्ति का चेहरा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इससे धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मूर्ति को रोजाना साफ करें और पूजा करें।लक्ष्मी जी की मूर्ति के साथ विष्णु जी की मूर्ति भी रखें। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। मूर्ति के पास दीपक जलाएं और प्रसाद चढ़ाएं। इससे लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।लक्ष्मी जी की मूर्ति को सुंदर और सजीव बनाए रखें। मूर्ति के पास फूलों की सजावट करें। इससे घर में शुभता और समृद्धि बनी रहती है। मूर्ति का चयन सही और वास्तु के अनुसार करें।
- सरस्वती जी ज्ञान और विद्या की देवी हैं। घर में उनकी मूर्ति रखना शुभ होता है। मूर्ति को पूजा स्थान या अध्ययन कक्ष में रखें। इससे विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।सरस्वती जी की मूर्ति सफेद रंग की होनी चाहिए। यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है। मूर्ति का चेहरा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इससे ज्ञान और विद्या का संचार होता है।सरस्वती जी की मूर्ति के पास हंस और वीणा होनी चाहिए। यह उनके स्वरूप को सजीव बनाता है। मूर्ति को रोजाना साफ करें और पूजा करें। इससे सरस्वती जी की कृपा बनी रहती है।सरस्वती जी की मूर्ति के पास पुस्तकें और पेन रखें। यह विद्या और ज्ञान का प्रतीक है। मूर्ति के पास दीपक जलाएं और प्रसाद चढ़ाएं। इससे घर में विद्या और ज्ञान का संचार होता है।
- हनुमान जी की मूर्ति घर में रखना शुभ होता है। हनुमान जी बल और ऊर्जा के प्रतीक हैं। उनकी मूर्ति को घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें। इससे घर में बल और ऊर्जा का संचार होता है।हनुमान जी की मूर्ति का चेहरा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इससे बल और साहस की प्राप्ति होती है। मूर्ति को रोजाना साफ करें और पूजा करें। इससे हनुमान जी की कृपा बनी रहती है।हनुमान जी की मूर्ति के पास दीपक जलाएं और प्रसाद चढ़ाएं। इससे घर में बल और ऊर्जा का संचार होता है। मूर्ति को सुंदर और सजीव बनाए रखें। मूर्ति का चयन सही और वास्तु के अनुसार करें।हनुमान जी की मूर्ति के पास सिंदूर और चंदन रखें। यह हनुमान जी की पूजा का हिस्सा है। मूर्ति के पास हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे घर में बल और ऊर्जा का संचार होता है।
- हाथी की मूर्ति : घर में आप हाथी की मूर्ति रख सकते हैं। यह मूर्ति ठोस चांदी की या पीतल की होना चाहिए। हाथी ऐश्वर्य का प्रतीक है। शयनकक्ष में पीतल की प्रतिमा रखने से पति पत्नी के बीच मतभेद खत्म होते हैं और चांदी का हाथी रखने से राहु संबंधी सभी दोष दूर रहो जाते हैं। यह पंचम और द्वादश में बैठे राहु का उपाय है। हाथी की तस्वीर या मूर्ति घर में रखने से सकारात्मक उर्जा के साथ-साथ धन प्राप्ति के स्रोत बनते हैं।
- हंस की मूर्ति : घर में अतिथि कक्ष में हंस के जोड़ों की मूर्ति स्थापित करें जिससे अपार धन समृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएगी और घर में हमेशा शांति बनी रहेगी। दो हंसों के जगह आप दो बत्तख या दो सारस के जोड़े की मूर्ति भी लगा सकते हैं। इससे दांपत्य जीवन में भी सामंजस्य बना रहता है।
- कछुआ : घर में कछुआ रखने से उन्नति के साथ ही धन-समृद्धि का योग बनता है। इसे रखने से आयु भी लंबी होने की मान्यता है। पूर्व और उत्तर दिशा कछुए की स्थापना हेतु सर्वोत्तम मानी गई है। ड्राइंग रूम में कछुआ रख सकते हैं किसी पात्र में जल भर कर । कछुआ धातु का होना चाहिए लकड़ी का नहीं।
- तोते की मूर्ति : वास्तु के अनुसार तोते की मूर्ति या तस्वीर को अध्ययन कक्ष में रखना चाहिए या जहां बच्चे पढ़ाई करते हैं वहां रखना या लगाना चाहिए। तोता पालना नहीं चाहिए बल्की उसी तस्वीर या प्रतिमा घर में रखने से लाभ होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में तोते की तस्वीर को लगाने से पढ़ाई में बच्चों की रुचि बढ़ती है, साथ ही उनकी स्मरण क्षमता में भी वृद्धि होती है। तोता प्रेम, वफादारी, लंबी आयु और सौभाग्य का प्रतीक होता है। अगर आप घर में बीमारी, निराशा, दरिद्रता और सुखों का अभाव महसूस कर रहे हैं तो तोते का चित्र या मूर्ति घर में स्थापित करें। पति और पत्नी में प्रेम संबंध स्थापित करने के लिए भी फेंगशुई के अनुसार तोते के जोड़े को स्थापित किया जाता है। तोता 5 तत्वों का संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है। तोते के रंग-बिरंगे पंख वास्तव में पृथ्वी, अग्नि, जल, लकड़ी और धातु के प्रतीक हैं। तोता सौभाग्य की वृद्धि करता है।
- मछली की मूर्ति : कई लोग घर में एक्वेरियम में मछली पालते हैं परंतु उससे ज्यादा उचित होता है मछली की पीतल या चांदी की मूर्ति बनवाकर घर में रखना। वास्तु अनुसार यह मूर्ति घर में खुशहाली और शांति को दृढ करके उन्नति के मार्ग खोलती है। मछली अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि, धन और शक्ति का प्रतीक है। इस मूर्ति को आप अपने घर की उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में ही रख सकते हैं।
- गाय बछड़े की मूर्ति : बहुत से घरों में बछड़े को दूध पिला रही कामधेनु गाय की पीतल की मूर्ति होती है। गाय की मूर्ति रखने से संतान प्राप्ति के साथ ही मानसिक शांति मिलती है। फेंगशुई में भी इसका महत्व बताया गया है। पढ़ाई में एकाग्रता के लिए भी इस मूर्ति को घर में स्थापित करते हैं।
- ऊंट की मूर्ति : ऊंट की मूर्ति भी घर में रखने का प्रचलन है। ऊंटों के जोड़े की मूर्ति को ड्राइंगरूम या लिविंग रूम में उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर रखा जाता है। ऊंट कठिन परिश्रम का प्रतीक है। करियर में उन्नति हेतु या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ऊंटों की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है। यह मन को स्थिर रखकर सफलता प्रदान करता है। परिवार के लोग मानसिक रूप से सुदृड़ और शान्ति से रहते हैं।
शरांश :- बहुत से लोगों के घरों में वस्तु के रूप में बैल, भैसा, शेर, चुहे, घोड़े, नर्मदा शिवलिंग, श्वेतार्क गणपति, सिंघम लक्ष्मी शंख, नजर बट्टू, द्वारिका शिला, नागमणि, पारद शिवलिंग, हीरा शंख, गोमती चक्र, श्रीयंत्र, गौरोचन, मछलीघर, शिवलिंग, शालिग्राम, दक्षिणावर्ती शंख, मणि, नग, कौड़ी, समुद्री नमक, हल्दी की गांठ, रुद्राक्ष, हाथाजोड़ी, पारद शिवलिंग आदि सैकड़ों वस्तुएं हो सकती हैं, लेकिन घर में क्या और कहां कौन-सी वस्तु रखें इसके लिए वास्तु के जानकार से सलाह लें।वास्तु शास्त्र के अनुसार, मूर्तियों की सही देखभाल करना जरूरी है।
मूर्ति को साफ और सुंदर बनाए रखें। मूर्ति की नियमित पूजा करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।मूर्ति के पास दीपक जलाएं और फूलों की सजावट करें। मूर्ति का स्थान सही और वास्तु के अनुसार होना चाहिए। मूर्ति का चयन सही और वास्तु के अनुसार करें। मूर्ति को सही दिशा में रखें।मूर्ति के पास प्रसाद चढ़ाएं और भोग लगाएं। मूर्ति का चेहरा सही दिशा में होना चाहिए। मूर्ति की स्थिति सही और वास्तु के अनुसार होनी चाहिए। मूर्ति का स्थान और दिशा महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मूर्तियों की सही देखभाल करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। मूर्ति का चयन और स्थान सही होना चाहिए। मूर्ति को साफ और सुंदर बनाए रखें। मूर्ति की नियमित पूजा करें।
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