Pitar Paksh Mein Bhul Kar Bhi Na Kren Ye 5 Galti

Pitar Paksh :- पितृ पक्ष एक महत्वपूर्ण समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें तर्पण व श्रद्धा अर्पित करते हैं। इस दौरान सही विधियों का पालन करना आवश्यक होता है। यहां हम पितृ पक्ष में की जाने वाली 5 प्रमुख गलतियों के बारे में चर्चा करेंगे, जिनसे बचना जरूरी है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Pitar Paksh में भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां
  1. पितरों का तर्पण ना करना
  • तर्पण एक महत्वपूर्ण क्रिया होती है, जो पितरों की आत्मा की शांति के लिए की जाती है। पितृ पक्ष में तर्पण ना करने से पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है। इस गलती से बचना अति आवश्यक है, क्योंकि तर्पण के बिना पितरों की कृपा नहीं मिलती।
  • तर्पण का मतलब है जल अर्पण करना। यह विधि आपके पूर्वजों की आत्मा की शांति और उद्धार के लिए होती है। पितृ पक्ष में तर्पण करना आपके जीवन में सकारात्मकता लाता है। अगर तर्पण नहीं किया गया, तो इससे घर में अशांति और कष्ट बढ़ सकते हैं। इसलिए, पितृ पक्ष के दौरान तर्पण अवश्य करें और इस गलती से बचें।
  • तर्पण करने के लिए विशेष विधियां होती हैं जिन्हें सही तरीके से निभाना चाहिए। इस दौरान पवित्र स्थान पर तर्पण करना उचित होता है। इसे गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी के किनारे करना विशेष फलदायी माना जाता है। तर्पण करने का सही समय और तरीका जानना जरूरी है ताकि पितरों की कृपा बनी रहे।

2. श्राद्ध कर्म में अशुद्धता रखना ( Pitar Paksh )

  • श्राद्ध कर्म पवित्र कार्य है। पितृ पक्ष में अशुद्धता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। श्राद्ध करते समय शुद्धता का पालन करना चाहिए। अशुद्धता से पितरों की आत्मा असंतुष्ट हो सकती है। इसलिए श्राद्ध कर्म के समय साफ-सफाई का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • श्राद्ध करने से पहले स्नान करना, स्वच्छ वस्त्र धारण करना, और पवित्र स्थान पर यह कार्य करना आवश्यक होता है। अगर अशुद्धता से श्राद्ध किया गया, तो इसका प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध की शुद्धता का पालन करना बेहद जरूरी है।
3. मांस-मदिरा का सेवन ( Pitar Paksh )
  • पितृ पक्ष में मांस-मदिरा का सेवन वर्जित होता है। इस दौरान सादा और सात्विक भोजन का सेवन किया जाता है। मांस-मदिरा का सेवन पितरों की आत्मा को कष्ट पहुंचा सकता है और इसके परिणामस्वरूप पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है। इसलिए इस गलती से बचना अति आवश्यक है।
  • सात्विक भोजन के सेवन से मन और शरीर शुद्ध रहते हैं। यह पितरों की आत्मा को शांति और संतोष प्रदान करता है। मांस-मदिरा जैसे तामसिक वस्तुओं का सेवन करना पितरों के आशीर्वाद से वंचित कर सकता है। पितृ पक्ष का यह समय शांति, संयम और साधना का होता है, जिसमें तामसिक वस्तुओं का त्याग अनिवार्य होता है।
4. दिनचर्या में अनुशासन की कमी ( Pitar Paksh )
  • पितृ पक्ष के दौरान अनुशासन का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। नियमित दिनचर्या से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। इस दौरान दिनचर्या में अनुशासनहीनता अशुभ मानी जाती है। खासकर तर्पण और श्राद्ध कर्म में देरी या लापरवाही पितरों को अप्रसन्न कर सकती है।
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करना, ध्यान और पूजा करना पितृ पक्ष के दौरान विशेष रूप से आवश्यक होता है। अनुशासन में कमी से घर में अशांति और पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है। अनुशासित दिनचर्या से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में उन्नति होती है।
5. पितृ पक्ष में अन्य कार्यों में व्यस्त रहना (Pitar Paksh )
  • पितृ पक्ष के दौरान पारिवारिक और धार्मिक कार्यों पर ध्यान देना अति आवश्यक होता है। इस समय में अन्य कार्यों में व्यस्त रहना या पितृ कर्मों को नजरअंदाज करना पितरों की नाराजगी का कारण बन सकता है। पितरों के लिए किया गया तर्पण और श्राद्ध ही इस समय की प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • कई लोग पितृ पक्ष के दौरान सामान्य दिनचर्या की तरह ही अन्य कार्यों में लगे रहते हैं। यह गलती नहीं करनी चाहिए। पितरों के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने के लिए इस समय को विशेष रूप से उनके लिए समर्पित करें। पितरों की आत्मा को शांति देने के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म को प्राथमिकता दें।
  • अन्य कार्यों में व्यस्त रहने से पितरों की आत्मा को संतुष्टि नहीं मिलती है। इसके परिणामस्वरूप पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है। पितृ पक्ष का समय आपके पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का होता है। इसलिए इस दौरान अन्य कार्यों में व्यस्त रहना पितरों को अप्रसन्न कर सकता है।

Also Read : Gauri Kund Mein Snan Karne Ke Fayde

FAQ’s

1. पितृ पक्ष क्या है?

पितृ पक्ष वह समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को श्रद्धा और तर्पण अर्पित करते हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए विधि-विधान से पूजा की जाती है।

2. पितृ पक्ष में तर्पण क्यों आवश्यक है?

तर्पण पितरों की आत्मा की शांति और उद्धार के लिए किया जाता है। इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है और घर में शांति बनी रहती है।

3. पितृ पक्ष के दौरान क्या मांस-मदिरा का सेवन किया जा सकता है?

नहीं, पितृ पक्ष में मांस-मदिरा का सेवन वर्जित होता है। इस दौरान केवल सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

4. पितृ पक्ष में अशुद्धता क्यों नहीं रखनी चाहिए?

पितृ पक्ष में शुद्धता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। अशुद्धता से पितरों की आत्मा असंतुष्ट हो सकती है और पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है।

5. पितृ पक्ष में अनुशासन का पालन क्यों जरूरी है?

अनुशासित दिनचर्या और समय पर तर्पण और श्राद्ध करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। अनुशासनहीनता से पितर नाराज हो सकते हैं।

Leave a Comment