Shani Pradosh Vart : का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत अधिक है। यह व्रत शनि देव की कृपा पाने के लिए किया जाता है। शनि देव को न्याय के देवता माना जाता है और वे कर्म के अनुसार फल देने वाले हैं। शनि प्रदोष व्रत का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों और बाधाओं का निवारण होता है।
शनि प्रदोष व्रत 2024 में भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वर्ष ग्रहों की स्थिति कुछ विशेष रहेगी।भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को ये व्रत किया जाएगा । 31 अगस्त को रात 02 बजकर 26 मिनट से लेकर 1 सितंबर को रात 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगा इस बार ये प्रदोष व्रत शनिवार के दिन है जिसे ये प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत कहलाएगा ।।
शनि प्रदोष व्रत का पालन केवल व्यक्तिगत समस्याओं के निवारण के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और परिवार के कल्याण के लिए भी किया जाता है। शनि देव को खुश करने के लिए इस दिन काले तिल, काले कपड़े और लोहे का दान भी किया जाता है। इस व्रत को करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और शनि देव की कृपा से जीवन में स्थिरता और संतुलन प्राप्त होता है।
Shani Pradosh व्रत की विधि: कैसे करें व्रत
- शनि प्रदोष व्रत का पालन करने के लिए व्यक्ति को पहले दिन प्रातःकाल जल्दी उठना चाहिए। स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए और भगवान शनि की पूजा की तैयारी करनी चाहिए। शनि प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है, विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद। इस व्रत के दिन व्यक्ति को निर्जल रहकर व्रत करना चाहिए और शाम को भगवान शनि की पूजा करनी चाहिए।
- व्रत के दौरान भगवान शनि की मूर्ति या तस्वीर के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। पूजा के समय शनि चालीसा और शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। भगवान शनि को नीले फूल, काले तिल और काले वस्त्र अर्पित करने चाहिए। यह भी महत्वपूर्ण है कि व्रत के दिन गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें, क्योंकि यह शनि देव को प्रसन्न करने का एक उत्तम तरीका है।
- शाम के समय प्रदोष काल में शनि देव की विशेष पूजा की जाती है। इस दौरान व्यक्ति को भगवान शनि की कथा सुननी चाहिए और शनि आरती करनी चाहिए। पूजा के बाद भगवान शनि की प्रसाद चढ़ाएं और उसे परिवार के साथ बांटें। व्रत रखने वाले को रात को केवल फलाहार करना चाहिए और अगले दिन व्रत का पारण करना चाहिए।
शनि प्रदोष व्रत के लाभ: क्या मिलते हैं फल
- शनि प्रदोष व्रत के पालन से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। इस व्रत के करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है। शनि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है जिनकी कुंडली में शनि दोष होता है।
- शनि प्रदोष व्रत का पालन करने से शनि साढ़े साती और ढैया के प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है। इस व्रत के द्वारा शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में स्थिरता और सफलता लाती है। शनि देव की पूजा से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख दूर होते हैं और उसे मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- व्रत के दौरान की गई दान और सेवा से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। काले तिल, काले कपड़े और लोहे का दान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शनि प्रदोष व्रत का पालन करने से न केवल व्यक्तिगत समस्याओं का निवारण होता है, बल्कि समाज में भी सद्भावना और कल्याण का वातावरण बनता है।
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